याद रखु या भूल जाऊँ....??? याद रखु तुझे, या भूल जाऊँ... बोल ये मामला, आखिर कैसे सुलझाऊँ... तेरे राहते, कोई आता ना यहाँ... अब तो मेरी किताबें भी, हो गई है मुझसे खफा... कल-तक जो रहती थी, दिन-रात साथ मेरे... अब रूठ गई है वो, रवइए से मेरे... अब भी हर वक्त रहती वो, हाथों में मेरे... पर तेरे रहते, इससे वफा निभाऊँ में कैसे....??? 🤷♀️ -Pranjali Ashtikar (Main, meri books aur "Wo") [Wo=📱 ] 🤪
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