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Showing posts from September, 2020

TULA RAHIL NEHAMI MAZI SATH

  तुला राहील नेहमी माझी साथ  आभाळाला जशी सूर्याची साथ  जंगलात मृगराजाची बरसात  कोकिळेच्या गाण्यातला मधुर आवाज  खोल समुद्रातील शिंपल्यांची कर्तबबाज  वसंत ऋतूमधली हिरवडी पाण्यावर खिळणारी सरोजकळी उन्हाळ्यात उठणारा गुलमोहर  युध्दात कमी झोपणारा लोहार सैनिकाच्या खांद्यावरची बंदूक  सावकाराच्या घरची संदूक  घसरणाऱ्या म्हातार्‍याची काठी गश्तीमध्ये पोलिसांची लाठी सर्वांचा जसा एकमेकांना हात  तसच तुला राहिल नेहमी माझी साथ  - खुशाल भोयर 

Bedhund Man

बेधुंद मन  बेधुंद से मन हे,  सावरता सावरेना....  का बरं वेड्यासारखे, फक्त तुझ्या मागे पळे हा....  तुझ्याविना अजुन,  काहीच कसे सुचेना....  का बरं फक्त तू, अजून कोणी दिसेना....  हुंदके देत दिवस घालवे,  पण तुझे नाव काही हे विसरेना....   गाँठ कधीच होणार नसली,  तरी सत्य का हे स्विकारेना....???  - Pranjali Ashtikar

DOCTORI ...

डॉक्टरी   झुकाव को तोलकर भाप ले तू  तुटते इंसान को संभाल ले तू  बहेगा नही जब तक खून पसीना तब तक पटती हैं क्या यमराज की हसीना  कांटो से रिझाई हुयी रंगिन जिंदगी की शामत रख तू आनेवाले हर अच्छे बुरे की आहट  भुलाकर प्रकृती के सारे गीले शिकवे और मोहित करने वाले नौटंकी से ये दिखावे  कर ले तू शुरुवात ही बस इस बार जमकर और ठान ले रहेगा तू हर दम इसपे डटकर ना होगी कभी इस काम से तेरी भागने की चाहत नाही मिलेगी किसी दुसरे काम से तुझे राहत सन्नाटा भी यही पूछे तुझसे हर घडी हर बार  बचाया क्या आज किसी इंसानी रुह को लगाकर जी जान  ..  खुशाल भोयर   

Ab tum jaa sakte ho....

अब तुम जा सकते हो...      जितना बरबाद करना था हमें,  उतना तुम कर चुके हो....  जमाने भर की मुश्किलों से,  सामना हमारा करवा चुके हो....  सब्र का हमारे,  इम्तिहान तुम ले चुके हो....  अपने और गैरो का फर्क भी,  तुम हमें दिखा चुके हो....  ज़िंदगी में हमारे,  हद से ज्यादा तबाही मचा चुके हो....  Oh Corona, जगह नहीं तुम्हारी यहाँ,  अब तुम यहाँ से जा सकते हो....  -Pranjali Ashtikar

UDAAN ...

  उडान खुश थी मै, अपनी हि दुनिया मे  जब मुलाकात हुयी उससे तो जिने का मकसद सिखाया उसकी दुनिया ने !!  सब कुछ होकर भी खाली खाली सा लगता था मुझे  वो सारे शौक पालती थी, जिने का समय तक नही मिला था जिसे !!  शरीर का हर हिस्सा था मेरे पास, फिर भी खामिया ढुंढती थी यहा  उसका  सब धिरे धिरे मिट राहा था, फिर भी हर नजर से खुबसुरत थी वहा !!  सब थे, फिर भी अकेली थी मै, ढुंढती थी कही साथ  उसका कोई नही था, पर प्यार से थाम लेती थी हर हाथ !!  मेरे सपने थे , उडना था, पर रुक ज्याती कहकर मुश्किल है यार  देख कर उसे  लगा, मुश्किले छोटी थी उसकी जंग के सामने , फिर भी उंचा उड कर जीत ज्याती थी वो हर बार !!  आज उसने जीने और हसने का गहरा रास्ता मुझे बता दिया  और जहां छोडकर भी सबको  अपना बना लिया!!                                        -Vaishnavi

ART

  Art Owner of amazing and spectacular art Without Knocking on my empty heart  You set foot in with an unbeatable wild card  Spreading affection there where love was  hard .. Your mesmerising and heart stealing gait  To watch itself, in your arrival, I cant wait Your beautifully outlined eye catching dress  For which everyone whispering for your address .. Deep brown ocean dwells in your sight  How beautiful fairy you look in snowy white  Tone of your skin already surpassed all grading  Thats cause you have reached top of upgrading ... Something in you is always special  Haven't i said that you are celestial  All he souls are on trapping you on bait  But you will walk to best with your elegant gait ... - Khushal Bhoyar