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Showing posts from January, 2021

CHILDHOOD

  CHILDHOOD Those were days of joys and pleasures 🥰  Stress less hours of whole day leisures 🎮 No worries, no responsibilities and no care ⚽ We were little demons in somebody's nightmares 👿😅 Our little hearts were gentle and pure 💝 No filth then had made us impure 🤢 We used to fight a lot on tiny things 🗡️🤺 Practicing to run small kingdom as a king 🤴 Bows and arrows, guns and swords 🏹🔫⚔️ With background music from our vocal cords 🗣️ Each battle we faught with preplanned result⛳ Hero's joy used to bring villain a temporary insult 🔥😂 We shared same things and created bonds 🤝 For long we had sat together beside ponds 🌊 Slowly we grew together as best friends  Now it's fact that these friendships will last till the end 💑 Those were days of joys and pleasure 🥰 I recount them and smile in my leisure👼 With a lot of worries, responsibilities and care🤯 That snatched comfort often give me ugly nightmares 🌃 - Khushal Bhoyar 

Kya h Zindagi...???

 क्या है ज़िंदगी....???  कुछ करने की चाह...  या कुछ बनने की ख्वाहिश...???  मिलो दुर कहीं घूमने की तमन्ना...  या किसी के साथ बस जाने की है इच्छा...???  अदा करना है फर्ज़ ....  या उतारने है कई कर्ज...???  करना है किसी से प्यार...  या बस करते रहना है तकरार...???  बनना है किसी का सहारा...  या फिर लेना पड़ रहा है, बार बार किसीका सहारा...???  आखिर, क्या है ये ज़िंदगी...???  तुम्हारी है ये उलझन,  तुम्ही इसे सम्भालो यार...  मैं तो खुद इस भुलभुलैयाँ में,  खो जाती हुँ हर बार...  - Pranjali Ashtikar

JUGALBANDI

  जुगलबंदी हारना मना है, ये उसने कहा 😊 हमने पलटकर जितना जरूरी है कहा 😅 जिंदा रहने के लिए सांस जरूरी है, उसने कहा 👍 ये तुम्हारी पत्नी कहती है क्या, हमने पूछा 😂 उसने इस बार मेरे तरफ गौर से देखा 🙄 उसे जवाब देने वाला शायद में पहला था 🥇 जुगलबंदी सी बन गई हमारे बीच वहां ⚔️ सीने में आग उभर आई थी उसके यहां 🔥 कामयाबी को चूमते गया में यारो 🎉 और डकार भी न ली, ये उसने कहा 🥂 हमने भी कह दिया, अरे कायरो 😏 डकार लेने से भी डरते हो क्या 😂 सुनकर ये बात उसका रूप हो गया गरम 😡 मारापिटी की बात सुनकर में हो गया नरम ☹️ फिर भी सोचा लगा दु क्या एक- दो उसके गालों पर थप्पड़ 🤔 पर गांधीजी को पूजकर मैंने खा लिए पांच झापड़ 🤕 दोस्तो, पंजो की लाली ही उमट गई थी मेरे गालों पर😱 शान्ति के बदले अंगार बरसाये थे उसने मेरे मुखड़े पर ⚡ फिर क्या, जख्मी शेर ने देख लिया अच्छासा मौका 🏃‍♂️ और बजा दिया उसके सीधे साधे श्रीमुख पर 🤛🎯 नक्शा उसका मानो इस कदर बिगड़ा 🤯 उसने तुरंत कह दिया, आज से नहीं करूंगा कभी झगडा😣 बात उसकी सुनकर दोस्तो, मुझे बोहोत अच्छा लगा 😊 पर खुशी मनाता इससे पहले मां ने नींद से उठा दिया !! 🐣😅 - खु

Chai ki chuskiyo ke sath...

  चाय की चुस्कियो के साथ...  चाय की चुस्कियो के साथ,  उसे ताड़ने की आदत लग गई है...  मेरे ख्यालों में भी उसने,  अपनी जगह बना ली है...  उसकी आदतों की अब,  मुझे भी आदत हो गई है...  अच्छी-बुरी सारी आदतें,  अब हमने अपना ली है...  लब्ज़ो की जगह,  अब खामोशियों ने ले ली है... बिन कहें दिल की बात,  अब आँखें समझने लगी है...  दिल की ख्वाहिशे,  अब बढ़ने लगी है...  या कहो, अरमानों की चिड़ियाँ,  उड़ान भर रही है...  ख्वाबों में अब,  उसकी दखल-अंदाज़ी बढ़ गई है,  या कहिए की अब,  ज़िंदगी और खुबसूरत हो गई है...  खर्राटो की जगह,  अब किसी और ने ले ली है...  हाँ, मेरी निंदे भी,  अब चोरी हो गई है... -Pranjali Ashtikar

YOU CAN PASS OUT OF THIS

YOU CAN PASS OUT OF THIS  When roads are not so good🛣️ Because you are passing through woods 🌳 Hold on tight my friend ✊ And keep walking till the end 🚶 Road is not the only problem, ranger 👮 Do focus on forthcoming dangers ☠️ Save your energy for last minute action ⚡ As Beast may attack you from any direction 🐺 Beast is only secondary problem, hunter 🏹 First you have to survive dirty weather ⛈️ Find yourself a comfortable alter 🤵 Think, What will you do without shelter 🏚️ Weather is not all of your problem, tracker 🐾 Nobody can survive without food and water 🥣💧 Thirty and hungry you can not walk out of woods 🏃‍♂️ Lone in the jungle you would die soon ⚰️ Hurdles are continuous inevitable events 🚧 You don't have power and authority to prevent 💪 But you have right to show them their match ☑️ And push yourself higher and higher from a scratch 📈 You can pass out of this dark place, my friend 🌆 All of your botherings will come to end 🎖️ Getting out of this jungle is alw

Kya paya aur kya khoya h...

 क्या पाया और क्या खोया है... ऊचाई,  अजीब है...  यहाँ पहोचने की, तमन्ना थी...  बस यही, मेरी मंजिल थी...  अब यहाँ, माहोल अलग है...  हर जगह बस, मेरा ही फितूर है...  थोड़ी मन में, घबराहट है...  थोड़ी बेचैनी, अब भी है...  मन में उलझन हो रही है...  मुझे उलझाए जा रही है...  ना कोई साथी, ना कोई अपना है...  उनके लिए, ये दिल अब तड़पता है...  अपनो की याद से, दिल भर आता है...  अपनो का साथ तो अब बस लगता एक सपना है...  यहाँ, मेरे उपर, कोई और नहीं...  हा मगर, कोई साथ भी नहीं...  मेरी कामयाबी का जश्न तो सारी दुनिया ने बनाया है...  मगर, सिर्फ मेरा रब जानता है,  मैंने क्या पाया और क्या खोया है....  -Pranjali Ashtikar

भारतीय सेना

  भारतीय सेना  मजबूत कंधो पर लिए जिम्मेदारी  सीमा पर है मौजुद, छप्पन इंच की छाती  धूप, ठंड, बारिश और तूफ़ानों में  हरियान सी नजरे है दुश्मन पर टिकाए ।। चीते की तेजी, सुपर्ण की आंख  मजबूत कंधो पर जिम्मेदारियां लाख हर सांस जिन्होंने पहले ही कर दी देश के नाम  देशसंरक्षक में कुर्बान होकर सेना का बढ़ाया सम्मान ।। शत्रुओं से भला हमे कैसा डर जब सीमा पर तैनात हो सेना का निडर रात दिन रहता पहरा सीमा पर तभी निद्रामय रह पाते हम पुरी रात भर ।। बिना अनुमति के इनके परिंदा भी पर ना मारे विरसाहसी दहाड़ के आगे दुश्मन देखता दिन में तारे  बहादुरो के खून पसीने से मजबूत है देश की सीमा  भारत माता के सपूत तुम सौ साल तक जीना ।। - खुशाल भोयर 

MAKARSANKRANTI

  मकरसंक्रांती नये साल का पहला गान  आसमान में पतंगों की उड़ान  भानु को मकरप्रवेश का मान  खलियानों की नयी फसल का सम्मान ।। तिल की खुशबू, गुड की मिठास  घर - घर रहता लड्डू की खुशबू का सहवास  हल्दी कुंकु का स्नेह निमंत्रण  सप्ताहों तक भेटवस्तुओ का वितरण ।। हर्ष ,उमंग, नई सोच और परस्पर दुल्हार  एक दूसरे से मीठे बोलने की पुकार  आपस की शत्रुता भुलाकर  मैत्री करने की प्यार भरी पुकार  ।। पेच की रस्सी - खेच का उल्हास  अंबर गायब होने का आभास  सभी तरफ ऐसे मनाए जाने वाला  मकरसंक्रांती का प्यार भरा त्योहार ।।  - खुशाल भोयर

PHULAPAKHARU ...

  फुलपाखरू गुलाबाच्या पंखुड़ीला बघून मनमोहितलेला एक वेळ फुलपाखरू फुलांच्या संगतीत वाढ़लेल ते वेळपिसार फुलपाखरू हसत, डोलत मजेत करामनुकी करत सतत उड़नार फुलपाखरू लागताच भुक, तहान, झोप फूलांवरच विसावनार ते गोड फुलपाखरू इवल्या- इवल्या भरारीत उन्हात चमचम चमकनार सोनेरी फुलपाखरू भयभीत होताच शिकाऱ्यापासुन, पंख जोडून घाबरणार भित्र फुलपाखरू  रंगीबेरंगी रंगानी डोळ्यांना सुखावनार दर्शनीय फुलपाखरू माझ्या स्वप्नात सुंदर घर  करणार ते गोड गोड फुलपाखरू  - खुशाल भोयर  

Sachhai

Nayi Shurwat...

नई शुरवात                                 नई सुबह  नई उमंग...  नई किरण,  नई तरंग...  नए सपने,  नई उमीद...  जिन्हें पुरी करने की है,  हमारी जिद...  मुश्किलो भरे,  ये रास्ते है...  अपनो के साथ से,  हिम्मत हम पाते है...  अपनो से ये जिंदगी है,  अपनो के लिए ये जिंदगी है...  नए साल की नई उमंग,  भर दे हर रिश्तो में, खुशियों के रंग...  -Pranjali Ashtikar