Skip to main content

Posts

Showing posts from August, 2021

Tune kuch kaha...

तुने कुछ कहा...    तुने कुछ कहा,  मैंने कुछ सुना...  प्यार के माहौल को,  नाराज़गी का बादल नीगल गया...  दोनों बैठे,  मुँह फुलाए...  कौन किसे,  पहले मनाए...  रहे खयालो में,  एक-दुसरे के हम...  पर क्युँ करे,  इस बार पहल हम...  मैंने किया इंतज़ार तेरा,  और तुने मेरा, तुझे मनाने का...  बिन मतलब चलता रहा,  ये सिलसिला रूसवाई का...  पागल से इस दिल को अब,  बेचैनी हो रही है...  तुझसे दो पल की दुरी भी,  बर्दाश्त नहीं हो रही है...  छोड़ो ये सब फिजूल बातें,  मुझे गले से तुम लगालो...  बाहो में मुझे भरके तुम,  मेरी साँसें मुझे लौटा दो...  - Pranjali Ashtikar

U will find Me...

U will find me In loneliness,  U will find me...  Sitting beside U...  Listening U... Whenever sad,  U will find me,  Holding U...  Understanding U... If feeling low,  U will find me,  Encouraging U...  Restoring U... When U r about to give up,  U will find me,  Pushing U Up...  Boosting Up... In confusion,  U will find me,  Hunting solutions with U... Confronting U...  In happiness,  U will find me,  Celebrating with U...  Enjoying with U.... Everywhere U go,  U r gonna find me,  Bcoz in Ur Heart,  U r carrying me...  Caring me... -Pranjali Ashtikar

माँ

  माँ डर से काप जाता हुँ हडबडाकर रुक जाता हुँ जब डरावने सपनो को रोकने की कोशिश मे डटा रहता हुँ रोकर माँ मै अपना डर आँखिर दुर करता हुँ वहा तुमसे बिछड़कर सहम जाता हुँ  तुमसे मिलने के लिए भटकता रहता हुँ मैं माँ तुम नही दिखती तो ये दिल जोरो से रो देता हैं तुम बिन क्या हुँ ये एहसास रुलाता हैं  बिन पानी के समुन्दर को कौन पुछता हैं तुम बिन जैसे पृथ्वी के हरी चादर का मोल नही मुझे तुम बिन मेरा कोई वजूद नही हैं  तुमसे मैं और तुम ही मेरे सबकुछ हो अक्सर नही रख पाता हुँ मैं तुम्हारा खयाल पर तु नही भुलती मुझे पलको पर बिठाना माँ, तुम बिन ये संसार अधुरासा लगता हैं  तु पास ना रही तो जी कही भी नही लगता हैं तुम्हारी गोद में दुनिया का सारा सुखुन मिलता हैं तुम पास हो तो डर छुमंतर हो जाता हैं  तुम्हारे पास रहने के लिए ये दिल रोता हैं  पर मजबूरी ऐसी की भगवानने मुझे थोडे दुर भेजा हैं वापस ज़ल्दी आउँगा ये वादा हैं बस तुमसे प्यार ढेर सारा हैं ये तुम्हें बताना हैं Love u lots mamma ...  - Khushal Bhoyar 

Aaja...

  आजा आजा परिंदे, लौट के तू...  इंतज़ार तेरा,  कर रही हु मैं...  क्या हर वक्त साथ,  नहीं रह सकते हम...  आज यहीं,  सोच रही हु मैं...  तु होता है कभी,  कभी तेरे ख्याल...  तुने ही मचाया है,  मेरे दिल में बवाल...  आजा अब जल्दी,  ज्यादा देर ना लगा...  मैं कब से तेरी राह देख रही हुँ,  अकेली बैठे-बैठे यहाँ...  - Pranjali Ashtikar

SOMETHING IS NOT RIGHT

 SOMETHING IS NOT RIGHT  Something's not right, I think we are in fight,  your silence have turned the light,  And my room looks cloudy white ... Thoughts may walk into darkness,  I think my soul is forgetting kindness, your absense have faded the colours,  And My walls look so much discoloured ...  Perfect soul can sometime drive insane,  I think I have lost lion's mane,  your grief have blended bad tastes,  And i will be repenting long for my mistakes .... - Khushal Bhoyar 

Shukriya hazar baar...

शुक्रिया हज़ार बार यु तुम्हारा,  मेरी जिंदगी में आना...  धीरे-धीरे करके,  बहोत कुछ बन जाना...  मेरा तुमपे,  एतबार करना...  सारी दुनियाँ की नसिहते,  नज़रअंदाज़ करना...  जो बात होनी थी,  हो ही गई...  तुमने औकात अपनी,  दिखा ही दी...  तुमने चाहा,  मैं रोऊँ...  जो कभी ना की,  उस गलती पे पछताऊँ...  नाक रगड़ के,  माफी मैं माँगू...  तुम्हारी सेवा में,  हर दफा लगी रहूँ...  तुम हो इंसान,  भगवान नहीं...  जो चाहो तुम,  हर बार वो होगा नहीं...  टूटे तुमसे रिश्ते,  जब सारे के सारे...  चली गई तकलीफें भी,  जो बैठी थी तुम्हारे सहारे...  तुम गई तो,  बहोत अच्छा हुआ...  मेरा अगला पड़ाव,  अब शुरू हुआ...  खुद पे थोड़ा,  हमने रहम किया...  फिर एक बार,  खुद से प्यार किया...  दुआएं हमारी,  कुबूल हुई...  दोस्तों (सच्चे) के शकल में,  जन्नत नसीब हुई...  खिलखिलाने लगी है,  जिंदगी मेरी...  अब बेहतर लग रही है,  बंदगी मेरी...  आइ है मानो,  बसंत की बहार...  हर तरफ है खुशी,  हर वक्त है प्यार...  अब मुझे तुमसे,  कोई नाराज़गी नहीं है यार...  मुझे बक्शने के लिए,  शुक्रिया हज़ार बार...  शुक्रिया हज़ार बार...  -Pranjali Asht

ओळ

  ओळ स्वलिखित स्वमुखाने गायलेली ती ओळ  अंतरमनामध्ये खोलवर रुजवलीय तिने प्रेमाची मोड कोण, कुठे, केव्हा, कसा भेटेल हे सोडवलय कोड नियतीच्या मार्गातल्या कथेचा हा एक प्रसंग गोड तृप्तीमय झाला प्रकृतीचा आवार  मधुर स्वर जेव्हा झाले थाटामाटात कर्णावर सवार  सुखमय लाटांचा सुरु झाला जल्लोश जोरदार  उत्साहीत मनाने जेव्हा केली नृत्याची भेट मजेदार साठलेल्या आठवणीत पडलीय ही एक आणखी भर कोणती ओळ आणेल सौख्य हा विचार झाला क्षणभर  पुन्हा ऐकाव ते गोड गीत घेऊनिया श्वास घुटभर  आणि सोडून दयावी समध्या जगाची काळजी घंटाभर - खुशाल भोयर