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Showing posts from December, 2020

😇स्वप्न जे बघितले कधी😇

स्वप्न जे बघितले कधी स्वप्न जे बघितले कधी,🛌 पूर्ण आता करायचं.👨‍⚕️ आयुष्यात रडलो आज -पर्यंत,🥺 हसत आता जगायचय.😅😂 नेहमीच भूतकाळात रमायचो मी💀 वर्तमानात आता रहायचय...🎁 स्वप्न जे बघितले कधी,🛌 पूर्ण आता करायचं...👨‍⚕️ विचार इतका केला दुसऱ्यांच🤔 की स्वतःलाच विसरलो मी...😓 जीवनाच्या ह्या शर्यतीत ,🚴‍♂️ स्वतःच्याच मागे पडलो मी..😔😞 हे सगळं विसरून मला🙆 पुन्हा एकदा पळायचय..🏃‍♂️ स्वप्न जे बघितले कधी,😴💤 पूर्ण आता करायचं.👨‍⚕️ आहेत नाती आणि सोबती👫👬 तेच तर हवीत माझ्या पाठी..😇 सगळं दुःख विसरून 🤕😧 ओठांवर हसू आणायचंय😁 स्वप्न जे बघितले कधी,😴 पूर्ण आता करायचं.👨‍⚕️ सतत केली चिंता नुसती,🤕 भविष्यात काय होणार.♈ कौन माझे, किती माझे,👥 मला काय देणार?⁉️ ह्या चिंतेची चीता बनवून ⚰️ त्या चीतेला जळायचय..🔥 स्वप्न जे बघितले कधी,💤 पूर्ण आता करायचं.😇 येईल निराशा, हरेन कधी.😓😞 पडेन कधी आणि संपेन पण कधी,,🔚 ह्या सगळ्या वाटेतून मला 🚸🛣️ एकटच तर चालायचय..👁️👤 स्वप्न जे बघितले कधी,💤 पूर्ण आता करायचं.👨‍⚕️ - निखिल वासनिक

BADALATA DOST

 बदलता दोस्त कुछ भी करो, काफी ना था उसके लिए  मेंरी दोस्ती, मेरा वक्त और मेरा प्यार  अहमियत ना रही इन बातो की उसके दिमाग में  भूल गया वो कैसे मुझे तक्षण में  क्षण में कैसे बदल जाते है ना रिश्ते  बाफ बनकर उड़ जाते है जो कभी लगते थे फरिश्ते भावनाओं को लगाया था जिसको मैंने इतने करीब से  ग़लती मेरी उम्मीदो का जिक्र भी किया था उसीसे दूर जाओ तो दुख, पास आओ तो दु:ख इसी बीच गुम हो गया है मुस्कुराने वाला सुख  सब कुछ भूलकर अब चलने का वक्त आया है  सब सच हुए जिसकी बात हुई थी, इसी बात का अफसोस है  - खुशाल भोयर 

Pehla Nasha....

 पहला नशा...  बहोत खुबसूरत है वो,  उतना ही नशा भी है उसमें... जितना उसे पढ़ते है,  उतना ही और खो जाते है उसमें...  प्यार करते है उससे बहोत,  वो भी उतना ही करते है हमसे...  जब जब उसे मिलना चाहे,  करती मुलाकात वो हमसे...  थक के सो जाते हम,  जब उसके गोद में...  उससे प्यारी निंद,  कभी और आती ना हमें...  -Pranjali Ashtikar Poem dedicated to my Books, pehla nasha...🥰🤪🤪

रिश्तो का दौर

  आज हर रिश्ता, एक ही बुनियाद पर बनता है तू मुझे जितना देगा,मै उतना ही तुझे दूँगा यही कहता है  कच्चे धागो से बंधे ज्याते , सारे टूटने वाले लोग वो  सब अच्छा ही चलता है पर, दरारे आती है जब वो जैसा चाहते वैसा ना हो !  अपनो के लिये कुछ भी करलो,सवाल बस तुमने किया ही क्या है  यही आया  प्यार, मोहब्बत,माफी ये तो दिखता ही नही, भगवान मानकर जान छिड़कने का जमाना तो कब का गया !  कभी जोकर या जो हम नही वो बने,सिर्फ कुछ पल की हसी देखने के लिए  उसी बातो का घटीया मजाक बनाया, और हमे ही तनहा छोङ दिये !  वादा मतलब विश्वास होता हैं, पर अब तो इसका वादा उसको चिपकाकर शैतानी मजे लेते  भावनाओं का मूल्य अहंकार ने ले लिया, और हर दिल के साथ द्युत का खेल खेलते !  ऐसा ही चलता रहा यहा,तो प्यार तो दुनिया से मिट ही जाएगा  आने वाला भविष्य यही देखकर, अपनो से सिर्फ खुद तक का दौर लाऐगा!                      - Vaishnavi 

मुस्कुराना भूल गया हूं

  मुस्कुराना भूल गया हूं   रोता तो नहीं हूं बस...... मुस्कुराना भूल गया हूं ।। पहले की तरह अब मै....... जीना भूल गया हूं ।। जाने किस बात कि सोच में ...... खोया सा रहता हूं ।। ख़ामोश रहने लगा हूं...... बक बक भूल गया हूं ।। लोगो को अब ये दिल...... शिकायत तक नहीं करता , कोई है भी क्या अपना......??? मै ये भी भूल गया हूं ।। सहम सा गया हूं मै अंदर से...... खुल के हसना भूल गया हूं ।। दिल मेरा भी करता है कि ख्वाब, हकीकत हो मेरे, पर जब से टूटा हूं ..... ख्वाब सजाना भूल गया हूं ।।।। - आकाश मोटवानी

Asha

  आशा आशा,  एक निरस अभिलाषा...  गोंडस मनाची,  एक छोटीशी इच्छा...  कोणीतरी यावे,  अशी भाबडी ही आशा...  समजावी त्याने,  माझ्या मनाची अवस्था...  डोक्यावरून फिरवावे,  त्याने हात मायेने...  भेटावे मला येऊन,  एकदा तरी त्याने...  -Pranjali Ashtikar