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Showing posts from September, 2021

Yaad rakhu ya bhul jaau....???

 याद रखु या भूल जाऊँ....???  याद रखु तुझे,  या भूल जाऊँ...  बोल ये मामला,  आखिर कैसे सुलझाऊँ...  तेरे राहते,  कोई आता ना यहाँ...  अब तो मेरी किताबें भी,  हो गई है मुझसे खफा...  कल-तक जो रहती थी,  दिन-रात साथ मेरे...  अब रूठ गई है वो,  रवइए से मेरे...  अब भी हर वक्त रहती वो,  हाथों में मेरे...   पर तेरे रहते,  इससे वफा निभाऊँ में कैसे....???  🤷‍♀️ -Pranjali Ashtikar  (Main, meri books aur "Wo")  [Wo=📱 ] 🤪

Udaasi Ki Dawa

  उदासी की दवा उदास सा लग रहा था,  मन कही भी ठहेर नहीं रहा था...  बिना वजह ये बेचैनी क्यूँ है,   पता नहीं चल-पा रहा था...  कई तरह से मन को,  उलझाना  चाहा हमने...  पर ये तो था आज,  एक अलग ही गम में...  उपाय मुझे मिला नहीं,  सोचा, तुमसे राय ले-लू...  अगर कोई हो दवा इस मर्ज की,  वो मैं झट से खा-पी लू...  बात करते-करते मुझे,  एहसास यू हुआ...  बेचैन ये मन,  आखिर था किसके लिए हुआ...  पता मुझे चला,  तुम ही हो मेरी दवा...  तुम ही हो जिसके लिए,  दिल उदास था हुआ...  -Pranjali Ashtikar