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Showing posts from March, 2021

SAFARNAMA ...

  सफरनामा सितारों से गुफ्तगू में बह जाना  रात की खामोशी को गले से लगाना बिछड़े हुए दोस्तो की याद में खो जाना  कोन अपना कोन पराया इस उलझन से उलझना  नैनतारो की आसुओ को चांद से छुपाना  खुद की बंदिशियो पर सारी रात रोना  तारो के साथ में ही घनी रात बिताना  सुबह की पहली किरण का बेसबरी से इंतजार करना  जीवन का सफरनामा कुछ ऐसाही चलता रहता  अगर खुदसे वाकिफ होने का जज्बा न होता  अगर रात में तारो की महफ़िल में रंगना न आता  अगर बंदिशियो को तोड़कर जीना न आता  अगर नैनतारो पर मुस्कान लाने वालों का सहारा न होता  अगर कोन अपना कोन पराया इस उलझन को सुलझाना न आता  तो सितारो से मेरा सफरनामा कभी बया न हो पाता ... - खुशाल भोयर 

Sherni....????

 शेरनी....???  ब्रम्हा नहीं मैं,  पर जन्म तुझे देती हुँ...  कोख में ९ महिने,  सम्भाल के मैं रखती हुँ...  विष्णू नहीं मैं,  पर पोषण तेरा करती हुँ...  तेरे तन और मन को,  स्वस्थ मैं बनाती हुँ...  काली नहीं मैं,  पर सज़ा तुझे देती हुँ...  आखिर-कार तुझे,  संस्कारी मैं बनाती हुँ...  खुद के अस्तित्व की,  लढाई रोज लढती हुँ...  शेरनी नहीं मैं,  पर, शेर की सवारी करती हुँ...  -Pranjali Ashtikar

Kaanto sang pali main...

काँटों संग पली मैं...  काँटों संग पली मैं,  कैसे फूलों की चाह रखु...  ना देखे रंग कभी-ना खुशबु ही,  कैसे फिर इसकी राह देखु... काँटों ने की है वफा,  साथ रहे हर दफा...  फूल तो थे हमेशा से ही,  हमारे लिए बेवफा...  करू मोहब्बत,  रंगो की रौनक से...  या निभाऊ इश्क,  घने काले बादलों से...  अब तो हो चुकी है आदत,  काले रंग और काँटों की...  फूलों से हो चुकी नफरत,  अब चाहते हैं, सिर्फ काँटों की...  - Pranjali Ashtikar

Tu rukna nahi...

 तू रुकना नहीं...  हा, मुश्किल है चुनौती,  पर तुझसे ज्यादा नहीं...  है उसमें भी दम,  पर तुझसे ज्यादा नहीं...  वो चाहेगी तुझे तोड़ना,  पर तु झुकना नहीं...  मंजिल तक पहोचने के पहले,  तू कभी रुकना नहीं...  - Pranjali Ashtikar

डर के आगे जीत है....

तू जिंदगी का एहम हिस्सा, कोई माने ना माने, तू हर कहानी का किस्सा..... कभी डर कभी भय तो  कभी त्रास के नाम से तेरी पहचान, अल्फाज बदलते, भाव मात्र एक समान..... रहे तकरार, की तू कमजोरी की निशानी, ऐसी भूल ना करे कोई बुद्धि सयानी..... मौजूदगी भयकी अनुशासन बढ़ाए, नैतिकता और मानवता से जीवन सजाए..... इतिहास गवा है, जिसने भी तेरी एहमियत पहचानी उनके कदम चूमती कामयाबी..... हा.....डर तो सबको लगता है..... सपना अधूरा रहने का भय हर कोई जीता है, तू बस कदम उठा, आगे बढ़, भय तो तेरा मनमीत है क्योंकि डर के आगे जीत है।

Mahalo ki Rani

 महलों की रानी...   उसका इतना,  तू इंतज़ार ना कर...  हर पल है किमती,  इसे बेकार ना कर...  आएगाँ जरूर वो,  अगर बना होगा तेरे लिए...  तू चाहत में उसकी,  खुद को तबाह ना कर...  थोड़ा सब्र तो रख,  और भरोसा भी...  पुरी होगी,  तेरी ख्वाहिशे भी...  तब तक तू अपना,  काम तो कर...  अरमान अपने सारे,  पुरे तो कर...  राह मत देख,  राजा की तू...  अपने महलों की,  रानी खुद बन...  - Pranjali Ashtikar