मुस्कुराना भूल गया हूं
रोता तो नहीं हूं बस......
मुस्कुराना भूल गया हूं ।।
पहले की तरह अब मै.......
जीना भूल गया हूं ।।
जाने किस बात कि सोच में ......
खोया सा रहता हूं ।।
ख़ामोश रहने लगा हूं......
बक बक भूल गया हूं ।।
लोगो को अब ये दिल......
शिकायत तक नहीं करता ,
कोई है भी क्या अपना......???
मै ये भी भूल गया हूं ।।
सहम सा गया हूं मै अंदर से......
खुल के हसना भूल गया हूं ।।
दिल मेरा भी करता है कि ख्वाब,
हकीकत हो मेरे,
पर जब से टूटा हूं .....
ख्वाब सजाना भूल गया हूं ।।।।
- आकाश मोटवानी
Very nice bhai 👌👌🥇🥇
ReplyDeleteThanks bhai
DeleteAwesome👏
ReplyDeleteVery nice
ReplyDeleteThanks
DeleteZabardasst motheeee😘
ReplyDeleteThanks😊
DeleteYar Akash itna dard 😥
ReplyDeleteBas likh diya dost
DeleteEkdam zakaas likha h Akash🔥🔥🔥🔥🔥👌👌👌👌
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