तारीफ
शाम के मदहोश सुरज की किरणोसी
लहराती मस्ती मे झुल्फे तेरी सुनहरी !!
फिकी कर दे रंगत इन गुलाबो की
शरमाती लाली ये तेरे होंठो की !!
मदहोश करती सावन की पहली बारिश सी
चमकती हसी तेरे सुंदर गालो की !!
गहराई हैं जैसे सागर मे समाई
डूब जाय इन नशिली आँखो मे हर कोई !!
मृगवन के सुंदर हिरनी सी
मखमली चाल तेरी सबको भायी !!
दिल करे छुपा लू तुम्हे अपनी निगाहो मे
दुनिया से बहोत दूर मेरी इन बाहो मे !!
- खुशाल भोयर
Nice 👌👌
ReplyDeleteWah ,Shayar Sahab
ReplyDeleteMahol bhai 👌👌
ReplyDeleteThank you !!
DeleteBeautiful lines 👍
ReplyDeleteThank you 😊🍀
DeleteBeautiful lines 👍
ReplyDeleteThank you !!
DeleteAwesome bro
ReplyDeleteThank you !!
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