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WAKT KI BAAT...WAKT KE HAAT...


वक्त की बात ...वक्त के हात ..


बलवान समय ने जो पहिया घुमाया,
संकट मे हर एक चेहरा साफ नजर आया।

प्रीत के कच्चे धागो की कमजोरी कुछ यूं पाई,
जरुरत से बंधी यार तेरी दोस्ती नजर आई।

इस एहसास ने कुछ यू झिंजोडा,
खुशियों की यादों को पैरो तले मरोड़ा।

एक अर्से से संभाले रखा जिसे मोती की तरह,
बिखर गया भरोसा तुटे शिषे की तरह।

अब दिल सहम जाता है यादों की आहट से, 
 पाता न ये राहत किसी की मीठी बातों से।

अब ना यू पल मै आंसू बहायेगा,
संभलकर चलना वक्त ही सीखाएगा।

सच्चाई का स्वीकार यही समय की सीख,
दफना फरेब को और नई कहानी लिख।


-Yogeshwari Bhoyar
कलम वहीं, बातें भी वहीं, बस पहचान कुछ नयी....।।


Comments

  1. Nice poem written....👌👍

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  2. अतिशय सुंदर����❣️

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  3. Osm poem sweetheart ❤️🥰😘

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  4. Keep writing...., it was heart touching....seemed to come out directly from the heart.

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  5. Good work Yogeshwari.Keep it up. Looking for more from you.

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  6. Dil ki bat sidhe Dil Se...👌👌

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  7. Zindagi ki ye Duniyadari
    Kabhi garmi to kabhi narmi......

    Samay ne sab ko hi thodi thodi bati.....


    Chalti ka nam hai zindagi.....

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  8. TRUE LINES FROM BOTTOM OF THE HEART....

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  9. Nicely written... looks like every single word came from the bottom of your hrert... really appreciable. Thanks for sharing your best thoughts through this poem.

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  10. Well said yar your words r really expressive

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  11. Thank you so much... Your appreciation mean lot me...

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