बेरहम दुनिया का क्या भरोसा,
आज सब अपना, कल सिर्फ दिलासाl
क्यू इन वादियों मे लिपटे रहते है हम,
आज एक ख्वाब है, कल सिर्फ भ्रम l
मंजिलें तो है ही बडी फितूर,
आज नजर के सामने है, तो कल नजर से दूर l
क्या होगा अगर इन्सान दुनिया चलाएॕ,
आज की समझ, कल बला कहलाएॕ l
मानते है कि दुनिया है बडी अजिब,
आज है तू अमीर, तो कल गरीब l
जिंदगी की इन उलझनों मे मत उलझना,
आज अपनापन है, तो कल है बहानाl
जिवन मे प्यारे मनमर्जियाँ कर लेना,
आज जिंदगी का लेले चस्का, कल तो है ही मरना l
- - मृणाली सोसे.
Amazing poetry & amazing message ...
ReplyDeleteHame present ko khulkar jina chahiye .😊
Nice creation 👌🍀