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ALVIDA...


अलविदा 


राब्ता था इस दिल का उस दिल से उल्फत का
जालिम दुनिया देख ना पायी खुर्शीद हमारे जिंदगी का
तो घोट दिया गला ही हमारे खुशी का
फुर्कत के साथ सोंप दिया प्याला नसिहत का ..

कहा करो ना एतबार खुलेआम यहाँ
रिवायत नही हैं मोहब्बत करना यहाँ
तोहमत हो जाएगी, जिंदगी गवानी होगी आज
भूल जाओ या मुखर जाओ अपने वजुत से आज ..

गर्द शबनम काफी नही फुर्कत के वक्त आज
भुलाये कैसे, याद बैचेन कर देती हैं हम नफस की आज
रघबत हैं हमे उनसे उतनी ही आज
तैयार हैं देने अपनी जान, उनके खातिर आज ..

मुलाकात अधुरी रहेगी इस जनम मे हमनवा
मुमकिन नही रहना दो पल भी तुम्हारे सिवा
गवा बैठा हैं जिद्दी दिल खुद से ही एहतीआराम
इसलिये अलविदा हैं मेरा पुरे कायनात से आज ..
                     
                                   - खुशाल भोयर                               

Comments

  1. Very heart touching ❤️
    Keep writing ✌️😄

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  2. Replies
    1. Jab tere jaisa dost ho to sab mumkin hai 😉
      💓🍀😊

      Delete
  3. Ohooo.....kya baat h....itna dard

    ReplyDelete
    Replies
    1. Haa bhai ..😂
      Jindagi to hai hi ek sikke ki tarah ..jiska ek pahelu hai khushi to dusara hai gam ..😉🙏💓🍀

      Delete
  4. So nice Khushal👌👌👌
    It's really heart touching 😍😍

    ReplyDelete
    Replies
    1. Thank you Pranjali 😊💓🍀
      This words means a lot to me 😊

      Delete

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