Corona -A Battle to fight
आए हो जबसे तुम मेरी ज़िन्दगी में,
सब कुछ बदल सा गया है इस दुनिया में,
दिमाग कहता है कैद है,
दिल जानता है मुक्ति है...
बाहर जाने पे पाबंदी,
या घर पे रहने की आज़ादी है....
बाहर का अच्छा खाना हुआ बंद,
या शुद्ध सात्विक भोजन की शुरवात हुई...
फ्रेंड्स के साथ PARTIES हुई बंद,
या परिवार के साथ गहरी रिश्तो की गाँठ हुई......
रोज़ रहते थे चहरे पे ना जाने कितने मुखौटे,
अब इन सबको हटाकर एक बार फिर खुद से मुलाकात हुई.....
पुराने दिनों को याद करना हुआ बंद,
इन दिनों मे नई यादें बनाने की पहल हुई.....
दिल की लालसा हुई कम,
ज़िन्दगी के लिए क्या जरुरी है उसकी आज मालुम मुझे अहमियत हुई.....
इन दिनों अपनी संस्कृती से,
फिर एक बार मुलाक़ात हुई......
बचपन के दिनो की याद आई,
फिर एक बार खुशियों की सौगात आई....
मगर फिर भी, जैसे धूप और छाँव है,
कही पेट भर खाना तो कहीं उपवास है.....
कही घर में चेन की नींद है,
तो कही घर के तरफ बढ़ते नंगे पाव है......
किसी की ज़िंदगी में सुकून आया,
तो किसीकी दुनिया अंधकारमय हुई,
Ooh My dear Corona,
तुम्हारे आने से ज़िन्दगी आबाद या बर्बाद हुई........???
- Pranjali Ashtikar
Awesome as always ...
ReplyDeleteNice poem Pranjali 👍🍀
Thank U Khushal😊😊😊
DeleteJo log is waqt ko opportunity me believe karke kam kr rahe hai unki jindagi abad aur baki ki jindgi time pass huii
ReplyDeleteHa..!!! Ekdam sahi kaha aapne... 👍👍👍😊
DeleteNice Lines.....❤️❤️❤️🤗🤗🤗
ReplyDeleteThanks Nik😊😃
Delete