महिनो की तपस्या और इंतज़ार का फल,
मिलने वाला हैं अब हमें किसी भी पल.....
बाँध कर धैर्य का बाँध, रखा वरुण देव पे भरोसा,
अपनी कृपा से वे हमें वंचित रखे, कभी होगा ना ऐसा.....
इंतज़ार से थकती आँखों को,
दिया थंडी हवा ने सहारा....
इस प्यासे मन को,
मिट्टी की खुशबु ने संवारा.....
बादल ने दी उसके आने की आहट,
उसके आते ही आइ चेहरे पे मुस्कुराहट.....
बिजली की कड़कड़ाहट ने हमें डराया,
बादलों की गड़गड़ाहट ने हमें उकसाया....
बेचैन आँखों को उसने भिगोया,
आते ही सबपे उसने जादू किया.....
तन की गर्मी को दूर भगाया,
मन की जलन को उसने बुझाया.....
पहली बारिश की आइ पहली फुहार,
अब हम सबका खत्म हुआ इंतज़ार.....
मौसम ने तो कर ही ली है अपनी जिंदगी की नई शुरवात,
अब बारी है तुम्हारी, कहती है बारिश तुमसे यही बात......
- Pranjali Ashtikar
Great work Pranjali 👍😊
ReplyDeleteAmazing creation
Sach me hamara intjaar khatam hua 😄😄💯
Thank U so much Khushal... Ur support means a lot😊😊
DeleteOut standing 🌦🌈☔mitti ki khushbu ki tarah hai aapki kavita
ReplyDeleteShukriya... Ur comment is really valuable for me😊😊😃😃
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