अटपटासा बन जाता है दो पल की जिंदगी मे सब
मुकद्दर प्यार में कहलाता है मासुम आशिक कोई जब
टुटा हुआ दिलं बहाता है गर्म अश्को की नदिया
पिछे बचती है बेचैन जिंदगी की असीम तन्हाहिया
वसंत की नही गुंजाहिश ही इन तन्हाहियो के आलम मे
आबाद हुआ दिलं खामोश होगा सिर्फ अंतिम सांस पे
सिमटी हुई दर्द भरी याद साबित करते रहेगी प्यार का गुनाह
बहाता रहेगा ऐसेही आशिक नैनो से मोती पतझड के समान
बोझ पिछले यादो का भुलाना नही उसके लिये आसान
सिद्दत वाला प्यार महंगा पडा ना आखिर तुझ पे इंसान
काबिल नही रखा पुराने पराजय ने बिल्कुल ही उसे
शायद खो चुका वो दिल ही अपना इस प्यार की तकलिफ से
सौगंध की ललकार बनाही देती हैं उसे आखिर मजबूर
चढा देता है फिर किसी और के माथे पर वो सिंदूर
जिम्मेदारीयो मे निभाता जाता है फिर वो पुरे कायनात के वादे
तकदेिर का लिखा मानते है फिर ऐसेही सारे दिलवाले !!
- खुशाल भोयर
Oyee Tute Huye Aashiqu😂😂
ReplyDeleteHaa bhai 😅😅🤪🤪🤪
DeleteOoh..!!! Itni darad bhari daasta.....
ReplyDeleteTeri hi h kya Khush...??? 😜😜😅
Nahi nahi. Ye to mere ek dost ki dasta hai ...bas shabd mere hai 😅😅😂😂🤟
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