मिट्टी को वतन के....
मिट्टी को वतन के,
हमने है सिंचा अपने लहु से....
भारतीय होने का धर्म,
निभाया है पुरी निष्ठा से....
जात-पात अमीरी-गरीबी;
काला-गोरा या लड़का-लड़की होने से....
कोई फर्क नहीं पड़ता हमें,
एसी खोकला बटवारो की लकीरों से....
हर मुसीबत का सामना,
किया है साथ मिलके....
इस परीक्षा(corona) की घड़ी में भी,
खड़े रहेंगे साथ मिलके....
ए दुनिया वालों,
यु कमजोर ना समझो हमको....
जब बंध जाते इक मुट्ठी जैसे,
कोई हरा ना सकता हमको.....
-Pranjali Ashtikar
Happy independence Day Pranju 😊
ReplyDeleteSame 2 U Khush🤓🤓
DeleteVery nice poem 👌👌🍀👍
ReplyDeleteKeep this spirit up 🤘
Thank U😊😊
Deleteखुप छान, जय हिन्द जय भारत 😊
ReplyDeleteThanks Shruti😊😊
DeleteMast Lihalay Pranjali😅😅
ReplyDeleteThanks Nick's😊😊
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