जुगलबंदी
हारना मना है, ये उसने कहा 😊
हमने पलटकर जितना जरूरी है कहा 😅
जिंदा रहने के लिए सांस जरूरी है, उसने कहा 👍
ये तुम्हारी पत्नी कहती है क्या, हमने पूछा 😂
उसने इस बार मेरे तरफ गौर से देखा 🙄
उसे जवाब देने वाला शायद में पहला था 🥇
जुगलबंदी सी बन गई हमारे बीच वहां ⚔️
सीने में आग उभर आई थी उसके यहां 🔥
कामयाबी को चूमते गया में यारो 🎉
और डकार भी न ली, ये उसने कहा 🥂
हमने भी कह दिया, अरे कायरो 😏
डकार लेने से भी डरते हो क्या 😂
सुनकर ये बात उसका रूप हो गया गरम 😡
मारापिटी की बात सुनकर में हो गया नरम ☹️
फिर भी सोचा लगा दु क्या एक- दो उसके गालों पर थप्पड़ 🤔
पर गांधीजी को पूजकर मैंने खा लिए पांच झापड़ 🤕
दोस्तो, पंजो की लाली ही उमट गई थी मेरे गालों पर😱
शान्ति के बदले अंगार बरसाये थे उसने मेरे मुखड़े पर ⚡
फिर क्या, जख्मी शेर ने देख लिया अच्छासा मौका 🏃♂️
और बजा दिया उसके सीधे साधे श्रीमुख पर 🤛🎯
नक्शा उसका मानो इस कदर बिगड़ा 🤯
उसने तुरंत कह दिया, आज से नहीं करूंगा कभी झगडा😣
बात उसकी सुनकर दोस्तो, मुझे बोहोत अच्छा लगा 😊
पर खुशी मनाता इससे पहले मां ने नींद से उठा दिया !! 🐣😅
- खुशाल भोयर
Comments
Post a Comment