डूबता सूरज...
देखो,
ये डूबता सूरज हैं...
इसे क्या समझना है,
किस नज़रिए से देखना है...
ये तुम्हारा फैसला है,
तुम्हारी मर्ज़ी है...
है ये आज के दिन का अंत,
या कल, नए दिन का आगमन...
वहीं दिखेंगा तुम्हे हरदम,
जो बसा होगा तुम्हारे मन...
तुम्हारे फैसले,
है तुम्हारी मर्ज़ी...
तुम्हारी गलतियों की,
लेनी हैं तुम्हे ही जिम्मेदारी...
तुम्हारी ज़िंदगी,
तुम्हारी बंदगी...
तुम्हें ही लिखनी है,
तुम्हारी कहानी...
- Pranjali Ashtikar




Sahiii Pranju
ReplyDeleteThanks Nik😊😃
DeleteVery nice 👍🙂
ReplyDeleteKeep it up
Thank U Khush😊😊
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